काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ मिलकर बीएमसी दे रही है सुनहरा मौका !
काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ मिलकर बीएमसी दे रही है सुनहरा मौका !
- फिल्म निर्माताओं और संगीतकारों को ग्लोबली अपनी प्रतिभा दिखाने का मिलेगा अवसर !
* संवाददाता
बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन, काला घोड़ा कला महोत्सव के साथ मिलकर संगीतकारों और फ़िल्म निर्माताओं के लिये सबसे बड़ा मौका देने जा रही है, जहाँ वो अपनी प्रतिभा को निखारकर उसे ग्लोबल प्लेटफार्म तक लेकर जा सकते हैं । बीएमसी दे रहा हैं एक ऐसा मंच, जहाँ पर टैलेंट के दम पर मिलेगा अंतरास्ट्रीय स्तर पर जादू करने का मौका।
बीएमसी काला घोड़ा कला महोत्सव के सहयोग से फिल्म निर्माताओं और मुंबई संगीतकारों को यूनेस्को से संबद्ध संगीत वीडियो प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है। यह कार्यक्रम 48 hrs फ़िल्म प्रोजेक्ट इंडिया द्वारा बनाया गया है जिसे एक्सीक्यूट किया जाएगा।
म्यूजिक वीडियो प्रोजेक्ट ,मुम्बई में होनेवाला एक हाई एनर्जी क्रिएटिव इवेंट हैं जहाँ इंडिया के टैलेंटेड संगीतकार और फ़िल्म मेकर भाग लेकर मुंबई की आत्मा को अपने वीडियो में कैप्चर करेंगे और फिर उसी वीडियो के जरिये इंटरनेशनली मुम्बई की स्पिरिटी और अपने टैलेंट को दिखाएंगे। इस म्यूजिक वीडियो का उद्देश्य शहर के रचनात्मक माइंड को अपने साथ मिलाना और यूनेस्को के लक्ष्य जैसे आर्ट,कल्चर और विरासत को बढ़ावा देकर समाज मे हो रहे असमानताओं को इस कला द्वारा कम करना होगा।
यूनेस्को क्रिएटिव सिटीज़ नेटवर्क की स्थापना साल 2004 में की गई थी और अब इसका नेटवर्क 246 शहरो तक फैला हुआ है। यूसीसीयन का उद्देश्य यूनेस्को और विश्व के रचनात्मक शहरों के बीच तालमेल जोड़ना है जिससे क्रिएटिव सेक्टर और मजबूत हो सके और लोगों को इसका लाभ हो सके।
साल 2019 में मुम्बई शहर को यूनेस्को की एक रचनात्मक सिटी के नाम से आधिकारिक तौर पर मान्यता मिली। यूसीसीयन को भी मुम्बई में बीएमसी में रूप में एक मजबूत पार्टनरशिप मिली जिससे जुड़कर वो अपने उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं। जिसके जरिये नौजवान और प्रतिभावान युवाओं को अपने टैलेंट को दिखाने का एक अद्भुत प्लेटफार्म मिल रहा है। इसी के द्वारा नई युवा पीढ़ी और फ़िल्म कम्युनिटी के धुरंधर एक ही प्लेटफार्म पर एक दूसरे से जुड़कर क्रिएटिव फील्ड को अपने टैलेंट से और निखार सकेंगे।
आपको बता दें कि इस शहर की सांस्कृतिक भूमि और ये पूरा क्षेत्र काला घोड़ा एसोसिएशन की ओर से देखा जाता है, जो 1999 से काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल आयोजित करते आ रहे हैं। अपनी विशाल उपलब्धि, लोगों के दिलों में एक अद्भुत उपस्थिति और इस फेस्टिवल के लिए लोगों की दीवानगी की वजह से ही काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल , बीएमसी तक इस कल्चर और कला की अद्भुत शुरुवात के लिए पहुँच पाया है।
म्यूजिक वीडियो प्रोजेक्ट का पूरा कांसेप्ट और एक्सक्यूशन 48 hrs फिल्म प्रोजेक्ट इंडिया द्वारा किया जा रहा है। 48hrs फ़िल्म प्रोजेक्ट से इंडिया ही नहीं बल्कि उसके अगले-बगल रह रहे काफी टैलेंटेड फ़िल्म मेकर भी इससे जुड़े हैं। जिनके पास फिल्मों के, ब्रैंड कंटेंट और फ़िल्म बेस्ड इवेंट कला का अप्रतिम अनुभव और बेशुमार कला छुपी है।
इतना ही नहीं, वोबल क्रिएटिव एंड कंटेंट उनके पार्टनर हैं जो सफल संगीतकारों, म्यूजिक बैंड्स और आर्टिस्ट्स के म्यूजिक को क्योरटेड करता है और इंटरनेशनल ऑडियंस को अपने संगीत में मुम्बई के प्यार,भाव, लय और ताल का अहसास दिलाता है।
विजेता वीडियोज़ को मुम्बई के एक हाई प्रोफाइल इवेंट में दिखाया और सम्मानित किया जाएगा। चुने गए वीडियोज़ को जुलाई 2022 के यूसीसीएन के इवेंट ब्राज़ील, संतोस और भी काफी जगह विदेशों में भी स्क्रीन किया जाएगा।
ये प्रोजेक्ट म्यूजिशियन से शुरू होता है। म्यूजिक बैंड्स और आर्टिस्ट को अपने लिरिक्स में,स्टाइल में,कम्पोजीशन में मुम्बई की स्पिरिट दिखानी होगी और अपने एक्सक्लूसिव वीडियो के जरिये जीतकर , टैलेंटेड फ़िल्म मेकर तक पहुँचना होगा। ये म्यूजिक वीडियो प्रोजेक्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा को दिखाने का संगीतकारों के लिए मौका है ।
अगला फेज़ यानि 29 जुलाई 2022, जहाँ सिलेक्टेड ट्रैक्स की घोषणा की जाएगी और रजिस्टर्ड फ़िल्म मेकर्स म्यूजिशियन के लिए एक ट्रैक सांग अलॉट करेंगे जो उन्हें 15 दिन के अंदर शूट करके 15 अगस्त 2022 तक उस वीडियो को सबमिट करना होगा ।
आपको बता दें कि यहाँ कोई विशिष्ट शैली की जरूरत नही होगी। म्यूजिशियन अपनी पसंद की कोई भी शैली चुन सकता है, जिसमें वो सहज हो ,जिसके जरिये वो अपने टैलेंट और काम को पूरा न्याय दे सके। जिसमें मुम्बई का शोर, वहां का कल्चर,वहां का संगीत ,सब कुछ उस वीडिओ में हो जिसके जरिए समाज मे हो रही असमानताओं को इक्वलिटी थ्रू क्रिएटिविटी के जरिये कम करने में मदद मिल सके।