केरल आपदा : मुख्यमन्त्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपए देगा कल्याण ज्वेलर्स

केरल आपदा : मुख्यमन्त्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपए देगा कल्याण ज्वेलर्स

केरल आपदा : मुख्यमन्त्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपए देगा कल्याण ज्वेलर्स

_उद्देश्य वायनाड राहत और पुनर्वास प्रयासों को आवश्यक सहायता प्रदान करना है

* संवाददाता

       मुंबई, 1 अगस्त 2024: केरल के वायनाड में आई विनाशकारी बाढ़ और भूस्खलन के हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कल्याण ज्वेलर्स के प्रबंध निदेशक टीएस कल्याणरमन ने केरल के मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में 5 करोड़ रुपए देने की घोषणा की। इस योगदान का उद्देश्य वायनाड में बचाव, राहत और पुनर्वास प्रयासों को आवश्यक सहायता प्रदान करना है।

  श्री कल्याणरमन ने कहा,“केरल के साथ गहराई से जुड़ी एक कंपनी के रूप में हमें अप्रत्याशित भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुए इस हादसे पर गहरा दुख हुआ है। हमारे साथी केरलवासियों को तकलीफ में देखना दिल दहला देने वाला है। वायनाड में हुई तबाही ने न केवल कई लोगों की जान ले ली है, बल्कि परिवारों को विस्थापित कर दिया है, घरों को नष्ट कर दिया है और आजीविका को बाधित किया है। इस चुनौतीपूर्ण समय में हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ प्रभावित लोगों के साथ हैं।''

  सामुदायिक कल्याण और लोगों की बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास करने की कल्याण ज्वेलर्स की अपनी एक लंबी परंपरा है, और यह योगदान राज्य में आपदा राहत और पुनर्प्राप्ति पहलों का समर्थन करने के लिए अपने चल रहे प्रयासों का एक सिलसिला है। हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ है, जिसमें 160 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल और लापता हैं। बचाव अभियान जारी है, जिसमें कई एजेंसियां जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए अथक प्रयास कर रही हैं।

  कल्याण ज्वेलर्स टीम उन परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती है जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और जो इस आपदा के बाद के हालात से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वे सरकारी अधिकारियों, बचाव दलों और स्वयंसेवकों के प्रति भी अपना आभार व्यक्त करते हैं जो आपदा के प्रभाव को कम करने और संकट में फंसे लोगों को राहत प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। कंपनी इन प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस कठिन समय के दौरान वायनाड के लोगों के साथ एकजुट होकर खड़ी है।