राजेश विक्रांत को मिला "छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार "

राजेश विक्रांत को मिला "छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार "
* संवाददाता
मुंबई: जाने माने लेखक व व्यंग्यकार राजेश विक्रांत को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित राज्य स्तरीय जीवन गौरव सम्मान छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से मंगलवार को बांद्रा पश्चिम के रंग शारदा आडिटोरियम में सम्मानित किया गया।
सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशीष शेलार ने उन्हें अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ एस पी दुबे, उपाध्यक्ष डॉक्टर मंजू लोढ़ा,साहित्यकार डॉ सुधाकर मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार विमल मिश्र ,पूर्व दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री अमरजीत मिश्र तथा आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली की उपस्थिति में इस पुरस्कार के अंतर्गत स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र व एक लाख रुपए की नकद राशि देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत सचिन निंबालकर, सह-निदेशक व सदस्य सचिव अकादमी ने किया। संचालन आनंद सिंह व प्रसाद काथे ने किया। अमरजीत मिश्र ने आभार व्यक्त किया।
इस कार्यक्रम में परदे के पीछे के संपादक राजीव रोहित, समाजसेवी रवि शुक्ला, प्रो संतोष तिवारी, राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो चीफ अभय मिश्र, धर्मेंद्र पांडेय, अनिल पांडेय, रवींद्र मिश्र, डॉ अरविंद धर द्विवेदी, डॉ नीता द्विवेदी, डॉ आलोक द्विवेदी, मनोरमा त्रिपाठी, के के त्रिपाठी, संजय अमान, नामदार राही, गिरिराज शुक्ला, राजकिशोर तिवारी, डॉ रमाकांत क्षितिज, चंदन तिवारी, गिरिजेश ओझा, उषा ओझा, अलका शुक्ला, शुभम तिवारी, डॉ दीनदयाल मुरारका, अखिलेश तिवारी, कवयित्री संगीता दुबे, पत्रकार मनीषा गुरव, प्रकाशक राम कुमार, डॉ महिमा, डॉ मुकेश गौतम, पर्यावरणविद व इनोवेटर प्रेम अग्रवाल, डॉ जितेंद्र पांडेय, श्री महाराष्ट्र रामलीला मण्डल के पदाधिकारीगण सुरेश द्वारिकानाथ मिश्र, श्रीनिवास मिश्र व रणजीत सिंह, आनंद श्रीवास्तव, श्री अजय शुक्ल बनारसी, पत्रकार श्रीश उपाध्याय, राकेश तिवारी, हरिनाथ यादव, कवि अनिल कुमार राही, विनय शर्मा दीप, रवि यादव, फोटोग्राफर अर्जुन कांबले, पत्रकार सरताज मेहदी, आनंद मिश्र, विपुल मीनावाला, गौरव ओझा, पंकज सिंह, सुदर्शन सिंह, डॉ नरोत्तम शर्मा, कवि राम सिंह, कवि अनिल कड़क, शिक्षाविद आर के सर समेत साहित्य व पत्रकारिता जगत की अनेक विशिष्ट हस्तियां मौजूद थी।
बता दें कि विविध विषयों पर देशभर की 50 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में अब तक विक्रांत के 15,000 से भी ज्यादा लेख प्रकाशित हो चुके हैं। व्यंग्य संग्रह "बतरस" के लिए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा आचार्य रामचंद्र शुक्ल व्यंग्य पुरस्कार" से सम्मानित किया जा चुका है। उनके प्रकाशित कार्यो में सत्संग सार (संपादन-2001), मुंबई में एक और समंदर (संपादन-2005), कथा पुष्पांजलि (मराठी से हिंदी में अनुवाद-2012), हास्य से पगी यादें (मराठी से हिंदी में अनुवाद-2012), मुंबई माफिया: एक एन्साइक्लोपीडिया (मराठी से हिंदी में अनुवाद-2012), श्रीमत परमहंस अद्भुत चरित (संपादन-2013), महामंडलेश्वर विश्वेश्वरानंद गिरिजी महाराज गौरव ग्रंथ (सह-संपादन), अवधी ग्रन्थावली, खण्ड 6 शब्दकोश (संपादन मण्डल सदस्य), बतरस (2015), आमची मुंबई- 2019, अमेठी के मुंबईकर- 2019, कोरोना-डाउन-2021, आजादी की लड़ाई में मुंबई का योगदान ( आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सह लेखन- 2022), स्वातंत्र्य लढ्यातील मुंबईचे योगदान ( आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सह लेखन, मराठी, 2024) तथा मुंबई और हिंदी ( दीनदयाल मुरारका के साथ सह लेखन, 2024) प्रमुख है। इसके साथ ही उनकी 3 अन्य पुस्तकें प्रकाशकाधीन हैं- आमची मुंबई-2, रोम- रोम में राम: मुंबई में रामलीला के भगीरथ कर्मवीर पंडित शोभनाथ मिश्र की जीवन गाथा तथा दृश्य संचार। विक्रांत जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अभय मिश्र द्वारा संपादित पुस्तक "राजेश विक्रांत: व्यक्ति एक व्यक्तित्व अनेक" का अक्टूबर 2015 में "विकलांग की पुकार" द्वारा प्रकाशन हुआ है।