पटना में "मृदुराज प्रतिभा सम्मान समारोह- 2024" का भव्य आयोजन
पटना में "मृदुराज प्रतिभा सम्मान समारोह- 2024" का भव्य आयोजन
- "विकसित भारत : एक संकल्प" विषय पर हुई परिचर्चा
* संवाददाता
पटना: मृदुराज फाउंडेशन द्वारा पटना में स्मृतिशेष मृदुला सिन्हा एवं राजकिशोर प्रसाद की 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर मृदुराज प्रतिभा सम्मान - 2024 का समारोह पूर्वक आयोजन किया गया। इस अवसर पर "विकसित भारत : एक संकल्प" विषय पर विशेष परिचर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने पर गहन विचार-विमर्श किया गया। परिचर्चा में विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों ने भाग लिया और देश के विकास में प्रत्येक नागरिक के योगदान की महत्ता पर जोर दिया गया।
संस्था के संरक्षक जीतेन्द्र नीरज कि अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन फाउंडेशन के अध्यक्ष राजीव रंजन ने जबकि आगत अतिथियों का स्वागत संस्था की सचिव पल्लवी रंजन ने किया।
इस कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित अतिथियों की उपस्थिति ने इसे और भी खास बना दिया। राज्यसभा सांसद भीम सिंह, विधायक संजीव चौरसिया, राज्य कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष ललन कुमार मंडल, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य श्रीपति त्रिपाठी तथा समाजसेवी अजय वर्मा साहित कई गणमान्य अतिथियों ने समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज की।
वक्ताओं में मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद भीम सिंह ने कहा कि आज जहाँ जीवित माता-पिता को वृद्धाश्रम भेजा जा रहा है वहीं उनकी याद मे संस्था द्वारा इस बड़े आयोजन के माध्यम से ये संदेश देने का काम किया जा रहा हि कि माता पिता जीवित हों या नहीं, उन्हें हमेशा जीवंत रखना चाहिए।
राज्य कार्यान्वयन समिति बिहार के उपाध्यक्ष ललन मंडल ने कहा कि समाज को ऐसे कार्यक्रमों से पॉजिटिव संदेश मिलता है। विकसित भारत : एक संकल्प जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने से विकास की राह पर भारत को अग्रसर करने एवं देश कि प्रगति में प्रत्येक नागरिक का योगदान है यह कर्तव्य बोध करने का प्रयास संस्था ने किया है।
विधायक डा0 संजीव चौरसिया ने संस्था कर इस भागीरथ प्रयास के भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा कि वो हमेशा ही संस्था के हर कार्य मे सहयोगी बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि विकास की ओर देश के बढ़ते कदम अब रुकने वाले नही हैं।
कार्यक्रम के दौरान मृदुराज फाउंडेशन के संरक्षक जीतेन्द्र नीरज ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित भारत का सपना सभी देशवासियों का संकल्प होना चाहिए, और इसके लिए हर व्यक्ति को योगदान देना आवश्यक है।
वहीं, फाउंडेशन के अध्यक्ष राजीव रंजन ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन पिछले 9 वर्षों से सफलतापूर्वक किया जा रहा है, जहां हर बार गंभीर विषयों पर चर्चा होती है।
प्रख्यात ज्योतिषाचार्य डा0 श्रीपति त्रिपाठी ने संस्था के उज्जवल भविष्य कि शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम से लोगों मे अपने माता पिता एवं मातृभूमि के लिए सकारात्मक जोश संचारित होगा।
वहीं समाजसेवी अजय वर्मा ने कहा कि इसप्रकार के आयोजन हर मोहल्ले मे होने चाहिए जिससे लोगों मे देश के विकास मे स्वयं के योगदान के प्रति जागरूकता आएगी।
पटना एम्स के वरिष्ठ चिकित्सक डा0 संजीव ने लोगों को स्वस्थ रहने के टिप्स दिए साथ हि यह संदेश दिया कि जब तक देश का नागरिक स्वस्थ नही होगा तब तक देश कि तरक्की बाधित रहेगी।
परिचर्चा के दौरान वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए एक मजबूत सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है। हर एक देशवासी को देश की प्रगति के लिए संकल्प लेना चाहिए। वक्ताओं ने कहा कि आज देश एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है, और इसमें हर व्यक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह ने कार्यक्रम की सराहना की और फाउंडेशन के इस प्रयास की प्रशंशा की, जो प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने और राष्ट्र निर्माण के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है।
वक्ताओं मे मुख्य रूप से समाजसेवी सुजीत वर्मा, कुशुमलता वर्मा, विशाल वर्मा, रंजीत वर्मा, मो0 शकील, राजीव पटेल, मो0 इज़हार
पुरुषोत्तम मिश्रा, महादेव तिवारी, नीता सिन्हा कृष्णा साह, गजेंद्र सिंह, श्याम किंकर शरण साहित कई गणमान्य शामिल रहे।
वहीं, इस सम्मान समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को इस वर्ष के "मृदुराज प्रतिभा सम्मान" से नवाजा गया।
सम्मान पाने वालों में चिकित्सा के क्षेत्र मे वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ0 अजय कुमार सिन्हा, शिक्षा के क्षेत्र मे ए0 एन0 कॉलेज, पटना के प्राचार्य प्रो0 प्रवीण कुमार एवं मोटिवेशनल स्पीकर डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव को कला-संस्कृति में डुमरांव घराना के दिग्गज कलाकर ध्रुपद गायक पंडित रामजी मिश्रा एवं भोजपुरी फ़िल्म के अभिनेता व निर्देशक दीप श्रेष्ठ, महिला शशक्तिकरण में लेखिका अनीता सिंह, रेसिन आर्ट के क्षेत्र मे पवन कुमार सिंह एवं समजसेवा के क्षेत्र मे कमलनयन श्रीवास्तव, शत्रुघ्न प्रसाद, राकेश यादव, सोनू कुशवाहा, व अधिवक्ता राजीव पाठक को सम्मानित किया गया ।
स्कूली बच्चों के बीच आयोजित चित्रकारी एवं निबंध प्रतियोगिता मे किड्स पराडाइज स्कूल के बच्चों मे पवन कुमार, अमन कुमार, सूरज कुमार एवं श्रुति शाह को सम्मानित कर हौसला वर्धन किया गया। साथ ही संस्था के जुड़े ब्रज भूषण, कृष्णा वर्मा, दीपक कुमार, अपूर्व श्रीवास्तव, मनीष कुमार को भी सम्मानित किया गया।
समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये कमलनयन श्रीवास्तव को मृदुराज प्रतिभा सम्मान प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि कमलनयन श्रीवास्तव ने अपने सम्पूर्ण जीवन में सामाजिक और साहित्यिक क्षेत्र में अपना अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने नवशक्ति निकेतन, चेतना, गरिमा भारती, श्री चित्रगुप्त मंदिर प्रबंधक समिति, चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान, शाद स्टडी सर्किल, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, राष्ट्रीय कायस्थ महासभा परिषद जैसे संगठनों से जुड़कर विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया। उनका योगदान शाद साहब के मजार पर चारदपोशी आयोजन, विभिन्न साहित्यकारों को सम्मानित करना, और स्व. रामवतार खत्री की पुण्य तिथि पर भव्य समारोह आयोजन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
उन्होंने अपने जीवन में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रति समर्पण और सहायता बढ़ावा दिया। उनका विश्वास था कि एक मजबूत और सशक्त समाज तभी बन सकता है जब सभी उसके सदस्य एक-दूसरे की सहायता और समर्थन करें। उन्होंने अपनी सेवाएँ और समर्थन विभिन्न सामाजिक कार्यक्रमों, उपायोजनाओं, और समुदाय की सेवा में समर्पित की। चाहे वह साहित्यिक आयोजन हो, सामाजिक उपक्रम हों या सांस्कृतिक कार्यक्रम हों, कमल नयन श्रीवास्तव ने हमेशा अपना सहयोग प्रदान किया। उनके इस नि:स्वार्थ सेवा भाव ने उन्हें समाज में एक हैं सम्मानित स्थान दिलाया और उन्हें एक प्रेरणा स्रोत के रूप में स्थापित किया। उनका यह योगदान न केवल उनकी वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहा है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियाँ भी इससे प्रेरित होकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती हैं।
वर्ष 1974 में, स्व. जटाशंकर जी के मार्गदर्शन में कमलनयन श्रीवास्तव ने चित्रगुप्त सामाजिक संस्थान में अपनी समाज सेवा की शुरुआत की और वहां उन्होंने परिपक्वता प्राप्त की। उनके युवा मन में एक उम्मीद का दीपक जल रहा था, जिसने उन्हें 1974 के लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होने की प्रेरणा दी।