कविता : चला गया तूफान

कविता : चला गया तूफान

कविता : चला गया तूफान

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दुनिया को धमकाइ के,

चला गया तूफान
और इधर भूकंप से,

लटक गई थी जान
लटक गई थी जान,

कहीं बारिश है भारी
और कहीं गर्मी ने तोड़ी

सीमा सारी
कह सुरेश जब आदिपुरुष

यूं दिखलाओगे 
दुनिया में तो उथल-पुथल

यूं ही पाओगे

* कवि : सुरेश मिश्र

       ( मुंबई )