कजरी : का तोहइं बताई पिया न !!!
कजरी : का तोहइं बताई पिया न !!!
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थोड़ी सी बरसात क्या हुई, मुंबई में जलजमाव की नौबत आ जाती है। न नालों की ठीक से सफाई, न गटरों की। एक तरफ विकास दूसरी तरफ विनाश। पत्नी ने पतिदेव से कहा ....
मोरे मुंबई क फुटल बा बेवाई पिया
*का तोहइं बताई पिया न।*
जबसे आइ मानसून,
भइ बीएमसी अफलातून,
गटर साफ नाहीं,बीति गइ जुलाई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*1*
मजा मारइं भ्रष्टाचारी,
खुब चलत बा ठेकेदारी,
जे चढ़उवा दे,उहइ बनइ जवांई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*2*
गली-गली लागे जाम,
कतहुं भइल नाहीं काम,
रोड वाला गड़हा अबले न भराई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*3*
जे करत हउवें दलाली,
वोकरा रोजइ बा दिवाली,
हिंदू -मुस्लिम होए,चाहे सिख-इसाई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*4*
घाटकोपर वाला घाव,
मनई मरि गएन बेभाव,
अस्पतलिया मा मिलइ नाही दवाई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*5*
कुर्ला, अंधेरी, कमानी,
शरम से बा पानी-पानी,
हिंदमाता में हर साल बा कमाई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*6*
खाली सत्ताइस समान,
शाला में बा घमासान,
गुरू 'बियलो' भइले,होइ न पढ़ाई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*7*
जहवां देखा खोदा-खोदी,
ट्रैफिक मा फंसल बा रोगी,
पिय सुरेश कऽ भी आवेला रोवाई पिया
**का तोहइं बताई पिया न।*8*
* कवि : सुरेश मिश्र ( मुम्बई )