तीर्थराज "महाकुंभ" पर डमरू छंद : पग-पग बम-बम

तीर्थराज "महाकुंभ" पर डमरू छंद : पग-पग बम-बम

तीर्थराज "महाकुंभ" पर डमरू छंद : पग-पग बम-बम

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पग-पग बम-बम पग-पग हर-हर,
पग-पग जप तप करत अमर नर।

नर तज परयक भजन करत तट,
जपत अनवरत हर सर जल तर।

तरत सकल जग धरम करम कर,
नगर-नगर पर, डगर-डगर पर।

परखत कमल नयन चमकत पथ,
सकल अमर हरसत तट *घटवर*

* रचनाकार - सुरेश मिश्र ( मुंबई)

( घट = कुंभ , वर = श्रेष्ठ ,
घटवर = महाकुंभ )